Jul 13, 2007
Jul 12, 2007
सपने
खुशियों का प्याला कभी, भरा ना मिले तो क्या?
राहों मे फूलों कि जगह बिछे हो कांटे तो क्या?
मन कि उमंगें सदा आसमान छुनेवाली हो
सपने हमारी आंखों के कतई ना खाली हो
राहों मे फूलों कि जगह बिछे हो कांटे तो क्या?
मन कि उमंगें सदा आसमान छुनेवाली हो
सपने हमारी आंखों के कतई ना खाली हो
जुदाई जो बन जाये मुकद्दर कभी, तो दर्द हो दिल में गिला नही
जिंदगी तो जिन्दादिली को कहते हैं, ये महज साँसों का सिलसिला नही
आख़िरी दम तक होंठों कि मुस्कान नयी निराली हो,
सपने हमारी आंखों के कतई ना खाली हो
जिंदगी तो जिन्दादिली को कहते हैं, ये महज साँसों का सिलसिला नही
आख़िरी दम तक होंठों कि मुस्कान नयी निराली हो,
सपने हमारी आंखों के कतई ना खाली हो
आंसूओं के बेशकीमती मोती, पलकों का दायरा ना तोड़े
आहों का उमड़ता सैलाब होंठों का साहिल ना छोडे
आहों का उमड़ता सैलाब होंठों का साहिल ना छोडे
तनहाई देने वालों के लिए दुवाएं महफिल सजाने वाली हों
सपने हमारी आंखों के कतई ना खाली हो
Jul 11, 2007
Earrings I made
Over the weekend, I got some time to indulge in my new -found hobby (read addiction).
I made a trip to Chandani Chowk, Kinari Bazaar and Turkmaan Gate and bought some beads, hooks and a plier. Added some creativity to that and the outcome was....
Yes! Yes!! Yessss!!!!
made these earrings .. all by myself... :)
In total I created 12 pairs and am thinking of selling them. Lets see.....
I am so thrilled about this whole beading affair and plan to devote some good effort towards it....
Wish me luck :)
यादें
कभी तनहाई में साथ निभाऐं
तो कभी महफील में तनहा कर जाऐं
जब आऐं तो साथ ले जाऐं
सपनों में आकर नींदें चुराऐं
परायी होकर भी अपनी सी
वो अपनों की बातें, ये खट्टी मीठी यादें
अंधेरेमें ये शमा जलातीं हैं
धूप में लेकिन छांव बन जातीं हैं
मुस्कुराती आंखों में
हल्केसे आंसू ले आतीं हैं
कोई खोई- खोई कहानी सी
वो अपनों की बातें, ये खट्टी मीठी यादें
जिनकी यादें साथ हैं,
वो दूर होकर भी पास हैं
ख्यालों में ही सही
पर दिल को ये एहसास है
खामोशी की खुशबू सी
वो अपनों की बातें, ये खट्टी मीठी यादें
तो कभी महफील में तनहा कर जाऐं
जब आऐं तो साथ ले जाऐं
सपनों में आकर नींदें चुराऐं
परायी होकर भी अपनी सी
वो अपनों की बातें, ये खट्टी मीठी यादें
अंधेरेमें ये शमा जलातीं हैं
धूप में लेकिन छांव बन जातीं हैं
मुस्कुराती आंखों में
हल्केसे आंसू ले आतीं हैं
कोई खोई- खोई कहानी सी
वो अपनों की बातें, ये खट्टी मीठी यादें
जिनकी यादें साथ हैं,
वो दूर होकर भी पास हैं
ख्यालों में ही सही
पर दिल को ये एहसास है
खामोशी की खुशबू सी
वो अपनों की बातें, ये खट्टी मीठी यादें
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